भारत में आँगनवाड़ी कार्यकर्ता ०-६ वर्ष के आयु-वर्ग के बच्चों को अत्यावश्यक सेवाएँ प्रदान करते हैं। गाँवों में स्थित आँगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से, ये अग्रणी कार्यकर्ता छोटे बच्चों के परिवारों को बुनियादी शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवा प्रदान करते हैं। दुर्भाग्यवश, सीमित जागरूकता एवं समावेशीकरण की अज्ञानता के कारण अधिकतर बहु दिव्यांगता एवं दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे इन सेवाओं से वंचित रह जाते हैं।
समाज में बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों की सहभागिता बढ़ाने के लिए चल रहे प्रयास के अंतर्गत, पर्किन्स इंडिया ने सीतापुर जिले के ऐलिया तथा लहरपुर ब्लॉक में स्थानीय आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए दो प्रशिक्षण आयोजित किये। जयति भारतम् के साथ साझेदारी में आयोजित किये गए इन प्रशिक्षणों में, जटिल दिव्यांगताओं से ग्रस्त बच्चों के विषय में जागरूकता प्रदान की गई, साथ ही इन बच्चों की मदद करने और सहारा देने के लिए बुनियादी सीखाने की पद्धतियां साझा की।
इन प्रशिक्षण सत्रों का लक्ष्य आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बहु दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों की आवश्यकताओं से अवगत करवाना एवं ऐसे बुनियादी हस्तक्षेपों से परिचय करवाना था, जो बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करें। इस प्रशिक्षण ने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को बहु दिव्यांगता से ग्रस्त कुछ बच्चों से बातचीत करने का एक अवसर दिया। पर्किन्स इंडिया के विशेषज्ञों ने उन पद्धतियों का प्रदर्शन किया जो आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने गाँव के बच्चों के साथ प्रयोग में ला सकते हैं उदाहरणस्वरूप, हैन्ड-ओवर-हैन्ड सहायता, हैन्ड-अन्डर-हैन्ड सहायता का प्रयोग करना, या सीखने-संबंधी गतिविधियों में बच्चे की सहायता करने के लिए कलाई को सहारा देना।
पूरे ब्लॉक में कार्यान्वयन के लिए उत्तरदायी, ऐलिया ब्लॉक के चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम ऑफिसर ने कहा, “प्रशिक्षण इतने अच्छे से संचालित किया गया और पर्किन्स इंडिया ने इतनी महत्वपूर्ण जानकारी बहुत सरल तरीके से साझा की। दोनों प्रशिक्षक बहुत बढ़िया थे और हम लोगों ने बहुत कुछ सीखा। बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों को देखने से हमें हर बच्चे की विशेष आवश्यकताएँ और खूबियाँ समझने में मदद मिली। हम इसी तरह के कुछ और प्रशिक्षण पाने के लिए उत्सुक हैं।“
हम इसी तरह के कुछ और प्रशिक्षण पाने के लिए उत्सुक हैं।
ऐलिया ब्लॉक के चाइल्ड डेवलपमेंट प्रोग्राम ऑफिसर ने
प्रशिक्षणों के केंद्र में बहु दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे थे – जैसे रेहान, विवेक और सचिन – जो आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से बातचीत कर के खुश थे और उन्होंने विभिन्न गतिविधियों जैसे आकारों को जोड़ना और अंकों की पहेलियों का आनंद लिया।
आँगनवाड़ी कार्यकर्ता सुश्री प्रभा देवी ने कहा, “इन बच्चों से बातचीत करना बहुत ही प्यारा अनुभव था। यह प्रशिक्षण मेरे लिए एक आखें खोल देने वाला अनुभव था, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि यदि इन बच्चों को उचित हस्तक्षेप और प्रशिक्षण मिले, तो वे इतना कुछ कर सकते हैं।“
यह प्रशिक्षण मेरे लिए एक आखें खोल देने वाला अनुभव था, क्योंकि मैंने कभी नहीं सोचा था कि यदि इन बच्चों को उचित हस्तक्षेप और प्रशिक्षण मिले, तो वे इतना कुछ कर सकते हैं।
सुश्री प्रभा देवी, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता
प्रशिक्षण के अंत में, आँगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने आँगनवाड़ी केंद्रों में बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों को अपने गाँव के बाकी बच्चों के साथ सम्मिलित करने की पद्धतियाँ साथ ले कर गए।