हमारे कार्यक्रम और साझेदारी
क्षेत्रों की क्षमता निर्माण एवं सहभागिता द्वारा बहु दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के लिए सीखने के अवसरों का विस्तार।
पर्किन्स इंडिया के वर्तमान कार्यक्रम उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश पर केन्द्रित हैं | स्थानीय साझेदारों के साथ मिलकर हमने विशिष्ट शिक्षकों और समुदाय आधारित पुनर्वास कार्यकर्ताओं की एक समर्पित टीम तैयार की है, जो बच्चों और परिवारों के साथ हर रोज़ काम करते है | स्थानीय टीम को बच्चों की पहचान कैसे करनी है और उन्हें सीखने और उन्नति करने के लिए आवश्यक हस्तक्षेप किस तरह प्रदान करनी है इसको समझने के लिए पर्किन्स इंडिया के विशेषज्ञों से नियमित परामर्श और मार्गदर्शन प्राप्त होता है|
जैसा कि हम स्थानीय और राज्य सरकारी संस्थाओं के साथ काम करते हैं, हमारा काम पूरे उत्तर प्रदेश में निरंतर रूप से हमारे मॉडल को विस्तार करके राज्य के नए क्षेत्रों में क्षमता निर्माण और वंचित बच्चों की जरूरतों को पूरा करना है।
लखनऊ में बहु दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के शिक्षण में सहायता प्रदान करने के लिए २०१६ से जयति भारतम ने पर्किन्स इंडिया के साथ साझेदारी की है | जुलाई २०२१ में राज्य सरकार के साथ हमने बहु दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के लिए लखनऊ के गोसाईंगंज ब्लॉक में सबसे पहले सामुदायिक हस्तक्षेप केंद्र का शुभारंभ किया है|
डॉ. श्रॉफ के चेरिटी आई हॉस्पिटल का सहायक केंद्र वृन्दावन में (श्रॉफ वृन्दावन) उत्तरप्रदेश में पर्किन्स इंडिया द्वारा सहायता प्राप्त पहला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद का गृह है | श्रॉफ के सीनियर मेनेजमेंट – और उनके साथ स्थानीय शिक्षण विशेषज्ञों और समुदाय आधारित पुनर्वास टीम के नेतृत्व और समर्पण का धन्यवाद – ग्रामीण क्षेत्रों के दिव्यांगताओं से ग्रस्त बच्चे पहली बार गुणवत्ता युक्त सेवाओं को उनके घर के समीप प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं |
सीतापुर में, जयति भारतम के साथ हमारी साझेदारी समुदायों में घर पर गुणवत्तापूर्ण शिक्षण हस्तक्षेप प्रदान कर रही है | हम सीतापुर आई अस्पताल में एक हस्तक्षेप केंद्र का निर्माण करेंगे जो एक मुख्य केंद्र के रूप में कार्य करेगा |
विज़न-ऐड के साथ हम विज़न-ऐड आगरा केंद्र के अंदर प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्र का शुभारंभ करेंगे |
स्नेहा की माँ गोसाईंगंज, लखनऊ“मैंने स्नेहा में बहुत प्रगति देखी है क्योंकि उसे हस्तक्षेप प्राप्त हो रहा है | विशेषकर जबसे उसने केंद्र पर आना प्रारंभ किया है , वह अन्य बच्चों से घुलने- मिलने लगी है | स्नेहा हमेशा यहाँ आने के लिए उत्साहित रहती है और उसे अन्य बच्चों के साथ खेलना पसंद है |”
मिथिलेश देवी, आशा कार्यकर्ता गोसाईंगंज, लखनऊ“समुदाय के लोगों के बीच में दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के सम्बन्ध में यह बड़ी जागरूकता है | लोगों में दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के प्रति दृष्टिकोण में बहुत परिवर्तन आया है और दिव्यांगतासे ग्रस्त बहुत से बच्चों की पहचान की जा रही है | यहाँ तक कि समुदाय के लोग फील्ड में टीम का समर्थन की इच्छा दिखा रहे हैं |”
डॉ. सुमा गणेश डॉ.श्रॉफ का चैरिटी आई हॉस्पिटल“बहुत से परिवार जो इन बच्चों में दृष्टि दिव्यांगता के बारे में जागरूक नहीं थे वे उन्हें प्रदान किये गए चश्मे और उनमें हुए सुधार को देख खुश थे| मैं इस परियोजना के लिए पर्किन्स इंडिया को धन्यवाद देना चाहूँगा जिसने बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों की मदद की है, और उन बच्चों के जीवन की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार किया है |”
श्रीमान मुकेश जयति भारतम के समन्वयक“हम पर्किन्स इंडिया के प्रशिक्षकों के बहुत आभारी हैं जिन्होंने हमारे संदेहों को दूर करने और बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों की विशेष जरूरतों को समझने के लिए मार्गदर्शन किया है | हम हमारी कुशलताओं और सीखने की क्षमता में सुधार को देख सकते हैं – पर्किन्स इंडिया से हमें प्राप्त हो रहे सभी प्रशिक्षण और सलाह के लिए सभी का धन्यवाद”
पर्किन्स इंडिया की साझेदारी का विस्तार ३० सालके कार्य का नतीजा है और इसमें नागरिक समाज, गैर-लाभकारी और राज्य और राष्ट्रीय सरकारें शामिल हैं, जिन्होंने उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक बहु दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों को सीखने और उन्नति करने की सुविधा दी है।
१ . नेशनल असोसिएशन फॉर द ब्लाइंड (जम्मू और कश्मीर)
बारामुला, जम्मू और कश्मीर
४ . राष्ट्रीय न्यास (भारत सरकार)
नई दिल्ली
५ . राजस्थान महिला कल्याण मंडल संस्थान
अजमेर, राजस्थान
मणिपुर
७. ब्लाइंड पीपल्स असोसिएशन (बीपीए)
अहमदाबाद, गुजरात
बानपुर, ओडिशा
१७. राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तिकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी)
देहरादून, उत्तराखंड