भारत का हर बच्चा सीख सकता है।
लेकिन बहुदिव्यांगताओं से ग्रस्त आधे से अधिक बच्चे कभी विद्यालय नहीं जा पाए हैं। पर्किन्स इंडिया अपना हर दिन समर्पित करता है इन बच्चों को वह शिक्षा दिलाने के लिए जो वे चाहते हैं और जिसके वे हकदार हैं।
पर्किन्स इंडिया ने बहुदिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों की पहचान करने और उन्हें हस्तक्षेप और शिक्षा से जोड़ने के लिए पहचान और हस्तक्षेप (आईडीआई) मॉडल की शुरुआत की है। यह बाल-केंद्रित दृष्टिकोण नैना और सुनैना जैसे बच्चों के लिए विद्यालयऔर उनके समुदायों में शामिल होने के अवसरों को उपलब्ध कराता है!
पर्किन्स इंडिया भारत में बहुदिव्यांगता और दृष्टिदिव्यांगता से ग्रस्त अनुमानित १० लाख बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की पहल कर रहा है। इन बच्चों के विद्यालय छोड़ने की सबसे अधिक संभावना है। बहुतों ने कभी भी अपने घर के बाहर की दुनिया का अनुभव नहीं किया हैं। पर्किन्स इंडिया जानता है कि ये बच्चे सीख सकते हैं और उन्नति कर सकते हैं। हम ऐसा होते हुए हर दिन देखते है।
बहुदिव्यांगता और दृष्टिदिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के जीवन में सीखने के अवसरों को प्राप्त करने के लिए सही समय पर सही शुरुआत होनी चाहिए । पर्किन्स इंडिया ऐसा कर रहा है।
पर्किन्स इंडिया स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने के लिए बच्चों को ढूंढ़ने और उन्हें शिक्षा के मार्ग विद्यालयों में ले जाने के लिए मार्गदर्शन करता है।
सबसे कम उम्र के बच्चों को खोजना और उनकी पहचान करना और उन्हें उचित सेवाओं तक पहुँचाना। परिवारों को यह दिखाना कि उनका बच्चा सीख सकता है।
बच्चों को सीखने के लिए तैयार करना और उनकी ज़रूरतों की पूर्ति के लिए उचित हस्तक्षेप प्रदान करना।उन्हें और उनके परिवारों को उनके सीखने के लिए आवश्यक कौशल और संसाधनों से सुसज्जित करना।
सभी विद्यालयों और समुदायों में शैक्षणिक कार्यक्रमों का निर्माण करना जो बच्चों की जरूरतों की पूर्ति कर सके।
विनोद परिवार को आम के खेत में मदद करने के लिए नए कौशल सीख रहा है । वह अब अपने पड़ोस के अन्य बच्चों के साथ बातचीत करता है, और जीवन का आनंद ले रहा है।
श्री इमरान ईशान के पिता“सबसे बड़ी उपलब्धि जिस पर हमें बहुत गर्व है वह यह है कि उसने एक नियमित विद्यालय में जाना शुरू किया … हम हमेशा पर्किन्स की आईडीआई टीम के आभारी हैं। उनके कारण ईशान की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है।”
पर्किन्स स्कूल फॉर द ब्लाइंड की दो सदियों की वैश्विक विशेषज्ञता से समर्थित, पर्किन्स के भारत में पिछले ३० वर्षों के काम के परिणामस्वरूप सशक्त स्थानीय संस्थानों का निर्माण और विकास किया है जो प्रदर्शित करते हैं कि कैसे बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चें इसमें भाग ले सकते हैं और उनके आसपास की दुनिया के बारे में सीख सकते हैं।
A brief round up of our programs and people who are lighting up the Perkins India canvas. Learn, up skill, and play are the three prominent themes around which our narrative evolves.
भारत में कई बच्चे पहली बार हमारे साझेदारों और दानदाताओं की बदौलत सीख रहे हैं। एक साथ में हम और भी अधिक बच्चों तक पहुँच सकते हैं!