हर बच्चा सीख रहा है और उन्नति कर रहा है

पर्किन्स इंडिया ने बहुदिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों की पहचान करने और उन्हें हस्तक्षेप और शिक्षा से जोड़ने के लिए पहचान और हस्तक्षेप (आईडीआई) मॉडल की शुरुआत की है। यह बाल-केंद्रित दृष्टिकोण नैना और सुनैना जैसे बच्चों के लिए विद्यालयऔर उनके समुदायों में शामिल होने के अवसरों को उपलब्ध कराता है!

एक बच्चा वयस्क के हाथों से खेलते हुए

हम एक ऐसे भारत का निर्माण कर रहे हैं जहां हर एक बच्चा शामिल हो ।

पर्किन्स इंडिया भारत में बहुदिव्यांगता और दृष्टिदिव्यांगता से ग्रस्त अनुमानित १० लाख बच्चों को शिक्षा प्रदान करने की पहल कर रहा है। इन बच्चों के विद्यालय  छोड़ने की सबसे अधिक संभावना है। बहुतों ने कभी भी अपने घर के बाहर की दुनिया का अनुभव नहीं किया हैं। पर्किन्स इंडिया जानता है कि ये बच्चे सीख सकते हैं और उन्नति कर सकते हैं। हम ऐसा होते हुए हर दिन देखते है। 

बहुदिव्यांगता और दृष्टिदिव्यांगता से ग्रस्त बच्चों के जीवन में सीखने के अवसरों को प्राप्त करने के लिए सही समय पर सही शुरुआत होनी चाहिए । पर्किन्स इंडिया ऐसा कर रहा है।

आपको क्या पता होना चाहिए:

इन बच्चों में से ७५ %  बच्चेबहु दिव्यांगता के साथ ही दृष्टि दिव्यांगता से भी ग्रस्त होते है

६३% बच्चेंजो बहुदिव्यांगता से ग्रस्त हैं , वे विद्यालय  में नामांकित नहीं होते है

१०० % वे बच्चेजो बहु दिव्यांगता से ग्रस्त हैं, उन्हें विशेष शिक्षा की आवश्यकता होती है

हम कैसे बदलाव लाते हैं

पर्किन्स इंडिया स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटने के लिए बच्चों को ढूंढ़ने और उन्हें शिक्षा के मार्ग विद्यालयों में  ले जाने के लिए मार्गदर्शन करता है।

एक  चिकित्सक एक बच्चे की आँखों की जांच करते हुए

पहचान

सबसे कम उम्र के बच्चों को खोजना और उनकी पहचान करना और उन्हें उचित सेवाओं तक पहुँचाना। परिवारों को यह दिखाना कि उनका बच्चा सीख सकता है।

एक बच्चा ब्रेल पढ़ना सीखते हुए

हस्तक्षेप

बच्चों को सीखने के लिए तैयार करना और उनकी ज़रूरतों की पूर्ति  के लिए उचित हस्तक्षेप प्रदान करना।उन्हें और उनके परिवारों को उनके सीखने के लिए आवश्यक कौशल और संसाधनों से सुसज्जित करना।

एक कक्षा में बच्चे पढ़ रहे हैं

शिक्षा

सभी विद्यालयों  और समुदायों में शैक्षणिक कार्यक्रमों का निर्माण करना जो बच्चों की जरूरतों की पूर्ति   कर सके।

एक बच्चा अपने होंठों को छूते  हुए

हमारे बच्चों से मिलें

विनोद परिवार को आम के खेत में मदद करने के लिए नए कौशल सीख रहा है । वह अब अपने पड़ोस के अन्य बच्चों के साथ बातचीत करता है, और जीवन का आनंद ले रहा है।

श्री इमरान ईशान के पिता

“सबसे बड़ी उपलब्धि जिस पर हमें बहुत गर्व है वह यह है कि उसने एक नियमित विद्यालय में जाना शुरू किया … हम हमेशा पर्किन्स की आईडीआई टीम के आभारी हैं। उनके कारण ईशान की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है।”

पर्किन्स इंडिया ही क्यों?

हम उत्तम शिक्षा बच्चों तक पहुंचाते हैं जहाँ ज़रूरत अधिक है और संसाधन सीमित हैं।

पर्किन्स स्कूल फॉर द ब्लाइंड की दो सदियों की वैश्विक विशेषज्ञता से समर्थित, पर्किन्स के भारत में पिछले ३०  वर्षों के काम के परिणामस्वरूप  सशक्त स्थानीय संस्थानों का निर्माण और विकास किया है जो प्रदर्शित करते हैं कि कैसे बहु दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चें  इसमें भाग ले सकते हैं और उनके आसपास की दुनिया के बारे में सीख सकते हैं।

एक वयस्क खिलौने से खेल रहे बच्चे को पकड़े हुए

चुनिंदा संसाधन और कहानियां

आज ही दान करें

भारत में कई बच्चे पहली बार हमारे साझेदारों और दानदाताओं की बदौलत सीख रहे हैं। एक साथ में हम और भी अधिक बच्चों तक पहुँच सकते हैं!