जिस प्रकार हर बच्चा अपने आप में अलग होता है ठीक उसी प्रकार उसका सहायक उपकरण भी उसके अनुरूप होना चाहिए। हमने इसका निर्धारण करने के लिए हर बच्चे का मूल्यांकन किया कि कौन सा उपकरण उसके सीखने एवं सर्वोत्तम शिक्षा तक पहुंच को आसान बनाने के लिए सर्वाधिक अनुकूल हो सकता है। कई बच्चों को उपकरण देने से पेहले सभी बच्चों का नाप लिया गया जिससे उपकरण को बच्चे के अनुसार अनुकूलित कर सकें। सावधानी पूर्वक मूल्यांकन और लिया गया नाप प्रत्येक बच्चे के लिए सर्वोत्तम समर्थन को सुनिश्चित करता है।
बच्चों तक पहुँचने और उन्हें हस्तक्षेप प्रदान करने के लिए परियोजना कार्यान्वयन टीम का महत्व होता है। १३३ बच्चों के लिए नए उपकरणों की प्राप्ति के साथ पर्किन्स इंडिया के हमारे विशेषज्ञों ने हमारे ३ साझेदारी संगठनों के १९ सदस्यों को प्रशिक्षित किया कि बच्चों को नए उपकरणों से कैसे परिचित कराया जाए और इन सहायक उपकरणों को वे अपने दैनिक जीवन में कैसे सम्मिलित करें।
हमने लखनऊ, सीतापुर और मथुरा में १३३ बच्चों को २५६ सहायक उपकरण वितरित करने के लिए ६ शिविर आयोजित किए। कई परिवार अपने बच्चों को गोद में या पीठ पर बिठाकर लाये गये , लेकिन वापसी में अपने बच्चों को व्हीलचेयर पर बैठकर या वॉकर के साथ जाते हुए देख, वह सभी उत्साह से भर गए।
एक पिता ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए साझा किया, “हमने शिविर में देखा कि हमारा जीवन बेहतर हो सकता है। इस शिविर में मैंने और मेरे परिवार ने केएफओ तथा एएफओ के संचालन, देखभाल और उनके उपयोग के बारे में जाना। सेंटर आने के प्रारम्भिक दिनों में इन लोगों ने मुझे इस प्रकार की सहायता और उपकरणों के बारे में बताया और फिर बाद में नाप लिया। अब मैं बहुत प्रसन् हूँ–हमें केएफओ मिल गया है और अब मेरा बेटा दुनिया का सामना करने के लिए तैयार है।“
हमने शिविर में देखा कि हमारा जीवन बेहतर हो सकता है… अब मेरा बेटा दुनिया का सामना करने के लिए तैयार है।
वितरण शिविर में एक पिता
दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे के जीवन में सहायक उपकरणों की उपलब्धता से माता पिता को राहत मिलती है। पर इन नवीन उपकरणों के नएपन का अर्थ है कि बच्चे और माता पिता को यह सीखना होगा कि वे इन्हें अपने दैनिक जीवन में, घर और समुदाय में कैसे सम्मिलित करें-। हमारी परियोजना टीम प्रत्येक परिवार को निरन्तर मार्गदर्शन देने के लिए अनुवर्ती रूप में घर पर जाती है , क्यों कि इससे वे सीखते हैं कि वे अपने बच्चे को शिक्षा के लिए सक्षम बनाने हेतु इन उपकरणों का प्रयोग कैसे करें।
इंडसइंड बैंक लिमिटेड के समर्थन से, हम ४ हस्तक्षेप केंद्रों में नए उपकरणों और शैक्षिक सामग्री आपूर्ति करने में सक्षम हुए – बच्चों के लिए खेल के माध्यम से सीखने की और अधिक संभावनाएं बढ़ीं। इन ४ केंद्रों में साल भर में लगभग ४०० बच्चों को सेवाएं प्रदान की जाएँगी।
दिव्यांगता से ग्रस्त बच्चे अनुपातहीन रूप से उच्चदर में कुपोषण के शिकार हैं-विशेष करके सर्वाधिक गरीब परिवार के बच्चे। इन परिवारों को पोषण सम्बन्धी सहायता प्रदान करने से पोषण सम्बन्धी असमानता कम होती है और निरन्तर भागीदारी के लिए यह सहायता प्रोत्साहन के रूप में कार्यरत रहती है। इस अल्पकालिक परियोजना में हमने १६४ परिवारों को ३ माह तक का राशन किट प्रदान किया ।