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बर्षा चटर्जी के साथ प्रश्नोत्तर

पर्किन्स इंडिया की नई प्रबंध संचालक, बर्षा चटर्जी को इन पाँच प्रश्नों द्वारा जानें।

पर्किन्स इंडिया प्रबंध संचालक की नई भूमिका में सुश्री बर्षा चटर्जी का स्वागत करता  है। शिक्षा, सेवा, जीविका एवं औद्योगिक विकास के क्षेत्र में  २४  वर्षों से अधिक का अनुभव रखने वाली बर्षा विकास एवं वहनीयता के नए अवसरों की ओर पर्किन्स इंडिया का नेतृत्व करने के लिए अति उत्सुक हैं। बर्षा के पिछले अनुभवों, पर्किन्स इंडिया को ले कर उनकी समझ, तथा शिक्षा के लिए उनकी प्रतिबद्धता के विषय में जानने के लिए हमने उनके साथ एक बैठक की।

आपका पिछला कार्य आपको पर्किन्स इंडिया तक कैसे ले गया?

जैसे-जैसे मैं अपने कार्यकाल में प्रगति करती गई, और विकसित होती गई – मुझे यह एहसास हुआ कि मैं और भी ऐसे काम करूँ  जो एक वास्तविक परिवर्तन लाए, और एक ऐसी संस्था के साथ कार्य करना चाहती थी जो सचमुच लोगों की परवाह करती हो। पूर्व में मैं व्यवसायों के साथ काम कर रही थी और लघु एवं माध्यम उद्योगों के विकास में सहायता कर रही थी लेकिन अमीरों को और अमीर बनाने के बजाय मैं ज़मीनी स्तर पर एक वास्तविक बदलाव लाना चाहती थी।

मेरा मानना है कि विकास-आधारित कार्य करने के लिए मूल प्रारंभ बिन्दु शिक्षा है। शिक्षा तक पहुँच का निर्माण कर के हम समान अवसरों के निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में, दिव्यांगता से ग्रस्त  लोग आज भी वर्जित और उपेक्षित हैं –दिव्यांगता से ग्रस्त लोगों  में से ७५% लोगों की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुँच नहीं है – यहाँ तक कि प्राथमिक स्तर पर भी नहीं। इन लोगों के साथ कार्य करने की मेरी इच्छा ने मुझे पर्किन्स इंडिया की ओर आकर्षित किया।

मेरा मानना है कि विकास-आधारित कार्य करने के लिए मूल प्रारंभ बिन्दु शिक्षा है।

आपके विचार से पर्किन्स इंडिया के क्या गुण हैं?

पर्किन्स इंडिया में प्रतिबद्ध, उत्साही लोग हैं जो बदलाव लाना चाहते हैं। यहाँ हर व्यक्ति पूरे मन से समर्पित है – जिनका इस परिकल्पना में सच्चा विश्वास है और जो इसका जीता-जागता स्वरूप है कि हर बच्चा सीख सकता है। पर्किन्स इंडिया की सबसे बड़ी शक्ति इसके लोग हैं।

एक टीम के तौर पर हम अपने कार्य के प्रति एक बहुत ईमानदार और मानवीय दृष्टिकोण रखते हैं – हर काम इस प्रश्न का उत्तर खोजता है “इस से मदद कैसे मिलेगी?” एक ऐसी संस्था के साथ कार्य कर पाना जो, मूल रूप से, एक बेहतर संसार की रचना करना चाहती है (खास तौर से आज के पैसों और मुनाफ़े पर केंद्रित संस्कृति में) किसी चमत्कार से कम नहीं है।

पर्किन्स इंडिया की सबसे बड़ी शक्ति इसके लोग हैं।

सामाजिक प्रभाव आपके लिए क्या मायने रखता है?

सामाजिक प्रभाव व्यक्ति से शुरू होता है। बड़े-बड़े कदम उठाने और एक बड़ा सामाजिक परिवर्तन की बातें करने से पहले एक व्यक्ति को स्वयं आत्मवलोकन कर के यह देखना चाहिए कि वे अपने दैनिक जीवन में क्या करते हैं और लोगों के साथ कैसा व्यवहार करते हैं। व्यक्ति आय-असमानता के विषय में खूब बातें कर सकता है – लेकिन क्या वे अपने नौकर, माली, या घर में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को समुचित तनख्वाह देते हैं? कोई लिंग-असमानता की बातें कर सकता है, लेकिन क्या वे अपनी बेटियों के साथ-साथ बेटों से घर का काम करवाते हैं? व्यक्ति समावेश की बात कर सकता है, लेकिन जब वे कहते हैं ‘सब के लिए शिक्षा’, क्या वे बहु- दिव्यांगता और दृष्टि दिव्यांगता  से ग्रस्त  बच्चों के विकास में भी निवेश करते हैं? सामाजिक प्रभाव और सामाजिक परिवर्तन तभी आ सकता है जब कोई अपनी कथनी को हर दिन अपनी करनी में ढाले।   

पर्किन्स इंडिया के भविष्य के लिए आपके क्या लक्ष्य हैं?

मैं यह सुनिश्चित करना चाहती हूँ कि मेरे और पर्किन्स इंडिया के द्वारा लिया गया मार्ग दिव्यांगता से ग्रस्त  बच्चों के लिए निरंतर और परिवर्तनकारी बदलाव लाए। पर्किन्स इंडिया में एक ऐसा भविष्य बनाने की क्षमता है जहाँ दिव्यांगता से ग्रस्त  हर भारतीय बच्चे के पास सीखने और उन्नति का अवसर हो, साथ ही उनके जीवन पर सही मायने में प्रभाव पड़े। मुझे आशा है कि बहुत-से लोग प्रेरित हो कर हम से जुड़ेंगे – हमें एक समावेशी संसार बनाने के लिए बहुत सारे लोगों की ज़रूरत है।  

आपके खाली समय में हम आपको क्या करते हुए देख सकते हैं?

मुझे खुद को सीमित रखना  पसंद नहीं है, और उन चीज़ों को आज़माना बहुत पसंद है जो मैंने पहले कभी नहीं कीं – मुझे पढ़ना अच्छा लगता है (कोई भी किताब, खास तौर से मेरी बेटी के द्वारा सुझाई गई!), मुझे खाने की नई विधियाँ ढूँढने और बना कर देखने(और अपनी पसंद के हिसाब से उसमें बदलाव करने) में मज़ा आता है, मुझे फिल्में   देखना और नयी तरह की सिनेमा देखना  भी बहुत पसंद है – तो शायद मेरा ‘असली’ शौक बस सीखना और नई चीज़ें के बारे में  जानना है!  

पर्किन्स इंडिया के साथ जुड़ने या इसके बारे में अधिक जानने के लिए बर्षा को आज ही ईमेल करें!

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